साइकोमेट्रिक टेस्ट, इससे जान पाएंगे खुद की रुचि किस काम में; जॉब में मिलेगी मदद

प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए अच्छी खबर है। अब नौकरी के अवसर तलाशने से पहले उनका साइकोमेट्रिक टेस्ट होगा। इससे वे जान पाएंगे कि उनकी रुचि किस काम में ज्यादा है। इसके लिए सरकार प्रदेश में आठ रोजगार ऑफिसों को मॉडल कॅरिअर सेंटर के रूप में विकसित करने जा रही है। जयपुर, अलवर, दौसा, झालावाड़, झुंझुनू, पाली, सवाई माधोपुर व सिरोही में ये सेंटर्स बनेंगे। इसके लिए बजट जारी हो चुका है।


साइकोमेट्रिक टेस्ट के लिए भारत सरकार ने सभी सेंटर्स पर यूथ प्रोफेशनल्स की नियुक्ति भी की है। सेंटर्स पर काउंसलिंग के साथ, इंटरनेट की सुविधा भी होगी। मॉडल कॅरिअर सेंटर्स में एक हाॅल बनाया जाएगा, जिसमें युवाओं की काउंसलिंग की जा सकेगी। इसके अलावा 15 कम्प्यूटर्स की एक लैब बनाई जाएगी। इसमें युवा खुद के लिए जॉब सर्फिंग कर पाएंगे। युवाओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सेंटर में एसी, वाॅटर कूलर सहित तमाम अत्याधुनिक उपकरण भी मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही रोजगार मेले का डिजिटल रूप भी मॉडल कॅरिअर सेंटर में उपलब्ध होगा। इन सुविधाओं के चलते भविष्य में नौकरी की तलाश आसान होगी 


केंद्र सरकार देगी फंड, 1 बैच में 50 को प्रवेश


इस योजना के तहत 2015 में देश भर में 50 सेंटर खोले गए थे। केंद्र सरकार की योजना है कि हर जिले में ऐसे सेंटर हों। प्रदेश में ये सेंटर्स लगभग बन कर तैयार हैं और नए वित्तीय वर्ष से ये काम करने लगेंगे। केंद्र सरकार इनका खर्च उठाएगी। इनमें प्रवेश के लिए किसी विशेष शैक्षणिक योग्यता या रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है। यहां कोई भी प्रवेश ले सकता है। एक बैच में 50 युवाओं को सुविधाएं दी जाएंगी।


टेस्ट मददगार, राज्य भर में लागू हो सकते हैं सेंटर
अब तक 12वीं कक्षा तक के छात्रों का ही साइकोमेट्रिक टेस्ट करवाया जाता है। इससे पता चलता है कि छात्र की रुचि किस क्षेत्र में है। नए सेंटर्स में युवाओं की रुचि जानकर उन्हें उसी क्षेत्र में जॉब उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जाएगा। मॉडल सेंटर के सफल रहने पर पूरे राज्य में इन्हें शुरू किया जाएगा।


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